Thursday, January 10, 2008

हीरे का मूल्य

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के काटलुक गांव में एक प्राईमरी स्कूल था। कक्षा चल रही थी।
अध्यापक ने बच्चों से एक प्रश्न किया यदि तुम्हें रास्ते में एक हीरा मिल जाए तो तुम उसका क्या करोगे?
मैं इसे बेच कर कार खरीदूंगा एक बालक ने कहा।
एक ने कहा, मैं उसे बेच कर धनवान बन जाउंगा।
किसी ने कहा कि वह उसे बेच विदेश यात्रा करेगा।
चौथे बालक का उत्तर था कि, मैं उस हीरे के मालिक का पता लगा कर लौटा दूंगा।
अध्यापक चकित थे, फिर उन्होंने कहा कि, मानो खूब पता लगाने पर भी उसका मालिक न मिला तो?
बालक बोला, तब मैं हीरे को बेचूंगा और इससे मिले पैसे को देश की सेवा में लगा दूंगा।
शिक्षक बालक का उत्तर सुन कर गद्गद् हो गये और बोले, शाबास तुम बडे होकर सचमुच देशभक्त बनोगे।

शिक्षक का कहा सत्य हुआ और वह बालक बडा होकर सचमुच देशभक्त बना,
उसका नाम था, गोपाल कृष्ण गोखले।

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