खोजता पुरूष सौंदर्य, त्रिया प्रतिभा को,
नारी चरित्र बल को, नर मात्र त्वचा को
श्री नहीं पाणि जिसके सिर पर धरती है,
भामिनी हृदय से उसे नहीं वरती है
पाओ रमणी का हृदय विजय अपनाकर
या बसों वहाँ बन कसक वीर गति पाकर
- दिनकर
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
ये Website ( www.VaidikSangrah.com ) संग्रह है आरती, मंत्र और श्लोकों का-
वैदिक संग्रह
देवी देवताओं के 108 नाम
चालीसा संग्रह
मंत्र संग्रह
स्तोत्र संग्रह
श्री गणेश संकटनाशन स्तोत्रम्
लिङ्गाष्टकं स्तोत्रम्
श्री सुर्याष्टकम
शत्रु-विनाशक आदित्य-हृदय स्तोत्र
श्री सूक्त
लक्ष्मी जी की आरती
नटराज स्तुति
अच्युतस्याष्टकं
शिवताण्डवस्तोत्रम्
बाकी और जानने के लिए वेबसाइट पर एक बार अवश्य आयें।
Post a Comment