महाधुनि हनुमान, कपिराज सुग्रीव तथा लंकाधिपति विभीषण के साथ अयोध्या के महापराक्रमी सम्राट भगवान् श्री रामचंद्र अपने अनुज लक्ष्मण एवं बामांगी सीता को लिए १४ वर्षों के महा वनवास तथा असुरेश्वर रावण का वध कर आसुरी शक्तियों का समन करने के पश्चात् अयोध्या की राजधानी आये! उनके आगमन के इस शुभ अवसर पर संपूर्ण अयोध्या को घी के दीयों से सजाया गया! आज भी हम इसी उत्सव को दीपावली के रूप में प्रति वर्ष भगवन के श्री चरणों में अपने उलास को व्यक्त करने हेतु बड़े धूम-धाम से बनाते हैं!
सभी अनुचरों को आचार्य श्री का स्नेहाशीष एवं दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!
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