Tuesday, January 15, 2008

कहॉ तुम चले गए !?


चिठ्ठी ना कोई संदेश, जाने वो कौन सा देश जहाँ तुम चले गए...
इस दिल पे लगा कर ठेस, जाने वो कौन सा देश जहाँ तुम चले गए !?

एक आह भरी होगी, हमने ना सुनी होगी...जाते जाते तुमने आवाज़ तो दी होगी
हर वक़्त यही है गम, उस वक़्त कहा थे हम ... कहॉ तुम चले गए !?

हर चीज़ पे अश्कों से लिखा है तुम्हारा नाम...
ये रस्ते घर गलियां, तुम्हें कर ना सके सलाम..
हाय ! दिल में रह गयी बात, जल्दी से छुड़ा कर हाथ कहॉ तुम चले गए !?

अब यादों के कांटें, इस दिल में चुभतें हैं..
ना दर्द ठेहरता है, ना आंसू रुकतें हैं ..
तुम्हें ढूंढ़ रहा है प्यार, हम कैसे करें इकरार के हां तुम चले गए !

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